नई दिल्ली/वॉशिंगटन:
अमेरिका में बीते दिनों दो अलग-अलग हिंसक घटनाओं ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। एक तरफ लॉस एंजेलिस में पुलिस की गोलीबारी में एक सिख चरमपंथी की मौत हो गई, वहीं दूसरी तरफ मिनियापोलिस में एक शख्स ने अपनी पूर्व प्रेमिका से झगड़े के बाद दो मासूम बच्चों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।

लॉस एंजेलिस की घटना
स्थानीय पुलिस के मुताबिक, एक सिख व्यक्ति सड़क पर हाथ में मशेटी (तेज़ धारदार हथियार) लहराता हुआ देखा गया। उसने स्थानीय लोगों को आतंकित कर दिया था। मौके पर पहुँची पुलिस ने उसे शांत कराने की भरपुर कोशिश की, लेकिन उसने आक्रामक रवैया अपनाया और पुलिस पर हमला कर दिया। हालात काबू से बाहर होते देख पुलिस ने गोली चलाई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
अधिकारियों का कहना है कि हथियार लहराने से आम लोगों की जान खतरे में पड़ सकती थी, इसलिए कार्रवाई करना अनिवार्य था।
मिनियापोलिस की त्रासदी
दूसरी घटना मिनियापोलिस की है, जहाँ एक व्यक्ति ने अपनी प्रेमिका से हुए ब्रेकअप के बाद गुस्से में आकर दो छोटे बच्चों पर गोली चला दी। दोनों बच्चों की मौत हो गई और पूरे इलाके में मातम पसर गया। पुलिस ने हमलावर को हिरासत में ले लिया है और आगे की जांच जारी है।
सोशल मीडिया की प्रतिक्रिया
भारत में इन घटनाओं पर सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छिड़ गई है।
- ज़्यादातर लोगों ने लॉस एंजेलिस में पुलिस की कार्रवाई को सही ठहराया। उनका कहना है कि अगर कोई हथियार लेकर सड़क पर लोगों को डराएगा तो पुलिस को मजबूरी में कठोर कदम उठाने पड़ते हैं।
- कई यूज़र्स ने लिखा, “भारत में पुलिस अकसर आरोपों से घिर जाती है, लेकिन अमेरिका जैसे देशों में ऐसी स्थिति में तुरंत कार्रवाई होती है। सुरक्षा पहले, राजनीति बाद में।”
- वहीं कुछ ने चिंता जताई कि बहुत से लोग इसका राजनीतिकरण करेंगे, वे victim कार्ड खेलेंगे और वे आतंकवादियों को उचित ठहराएंगे।
- मिनियापोलिस की घटना पर लोगों ने गहरी संवेदना जताई और कहा कि “निजी रिश्तों के टूटने की कीमत बच्चों को अपनी जान देकर चुकानी पड़े, यह बेहद दुखद है।”
- “बच्चों की मौत का कारण सिर्फ एक ब्रेकअप? यह खबर बेहद चौंकाने वाली है। अमेरिका में बंदूकों पर नियंत्रण की सख्त जरूरत है। बंदूक का कल्चर खत्म होना चाहिए।”
- “मिनियापोलिस में हुई घटना बहुत दुखद है। 🙏 उस शख्स ने अपने गुस्से की वजह से दो मासूमों को मार दिया। यह दिखाता है कि मानसिक स्वास्थ्य कितना महत्वपूर्ण है।”
एफबीआई की प्रतिक्रिया: एफबीआई की भूमिका सक्रिय शूटर की घटनाओं के दौरान और बाद में स्थानीय कानून प्रवर्तन का सहयोग करना है। इसमें जांच में सहायता प्रदान करना, विशेष टीमों (जैसे SWAT और बम तकनीशियन) को तैनात करना और पीड़ितों को सहायता सेवाएं प्रदान करना शामिल है। वे नागरिकों और कानून प्रवर्तन के लिए ऐसी घटनाओं के लिए तैयार रहने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाते हैं।
निष्कर्ष
दोनों घटनाएँ यह दिखाती हैं कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में भी हिंसा और असुरक्षा की चुनौती लगातार बनी हुई है। जहाँ एक ओर पुलिस की सख्त कार्रवाई पर बहस जारी है, वहीं दूसरी ओर मासूमों की मौत ने पूरे समाज को हिला दिया है।