टोक्यो/नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29–30 अगस्त 2025 को जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पूरी की। यह यात्रा न केवल भारत-जापान रिश्तों को एक नई ऊँचाई पर ले गई, बल्कि एशिया और विश्व राजनीति में दोनों देशों की भूमिका को भी मज़बूत करती है। यह प्रधानमंत्री मोदी की जापान यात्रा का आठवाँ अवसर था, लेकिन पहली बार वे अपने जापानी समकक्ष शिगेरु इशिबा से वार्षिक शिखर सम्मेलन में मिले।
विशेष सामरिक और वैश्विक साझेदारी की नींव और मज़बूत
भारत और जापान के बीच रिश्तों को “Special Strategic and Global Partnership” का दर्जा पहले ही दिया जा चुका है। इस बार की वार्ता में इस साझेदारी को और मज़बूत बनाने के लिए कई बड़े ऐलान किए गए।

🔑 यात्रा की मुख्य उपलब्धियाँ
1. आर्थिक सहयोग
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इशिबा ने इस बात पर सहमति जताई कि जापान अगले दस वर्षों में भारत में 10 ट्रिलियन येन (लगभग 68 अरब डॉलर) का निवेश करेगा।
- यह निवेश विशेष रूप से स्टार्टअप्स और लघु-मध्यम उद्योगों (SMEs) पर केंद्रित होगा।
- स्वच्छ ऊर्जा, आधुनिक परिवहन, और आधारभूत संरचना (इंफ्रास्ट्रक्चर) जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- पीएम मोदी ने कहा, “जापानी तकनीक और भारतीय टैलेंट, वैश्विक विकास की सबसे बड़ी ताकत बन सकते हैं।”
2. आर्थिक सुरक्षा पहल
दोनों देशों ने एक Economic Security Initiative शुरू किया है, जिसका उद्देश्य है –
- सेमीकंडक्टर,
- क्रिटिकल मिनरल्स,
- फार्मास्यूटिकल्स,
- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT),
- स्वच्छ ऊर्जा
जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) को सुरक्षित बनाना।
3. प्रौद्योगिकी और नवाचार
- India-Japan AI Initiative की शुरुआत हुई।
- इसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाया जाएगा, विशेषकर Large Language Models (LLMs) और डेटा सेंटर के निर्माण में।
- अंतरिक्ष क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम: ISRO और JAXA ने चंद्रयान-5 पर संयुक्त समझौता किया। यह मिशन भारत-जापान की साझा चंद्र यात्रा होगी।
4. रक्षा और सुरक्षा
- एक नया Joint Declaration on Security Cooperation अपनाया गया।
- दोनों देशों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को स्वतंत्र, खुला, शांतिपूर्ण और नियम-आधारित बनाए रखने का संकल्प लिया।
- रक्षा उद्योग, नवाचार, और समुद्री सुरक्षा में सहयोग को प्राथमिकता दी जाएगी।
5. जन-से-जन संपर्क
- अगले पाँच वर्षों में 5 लाख लोगों के आदान-प्रदान का लक्ष्य तय किया गया।
- इनमें से 50 हज़ार कुशल भारतीय पेशेवर जापान की अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष योगदान देंगे।
✨ यात्रा के खास पल
गर्मजोशी से स्वागत
- टोक्यो में पीएम मोदी का भारतीय प्रवासी समुदाय ने पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ स्वागत किया।
- जापानी समुदाय के सदस्यों ने भी गायत्री मंत्र के पाठ से उनका अभिनंदन किया।
बुलेट ट्रेन की सवारी
- पीएम मोदी और पीएम इशिबा ने टोक्यो से सेंदई तक शिंकान्सेन (बुलेट ट्रेन) की यात्रा की।
- सेंदई में मोदी ने सेमीकंडक्टर उत्पादन केंद्र का दौरा किया और वहाँ प्रशिक्षण ले रहे भारतीय लोको पायलटों से मुलाकात की।
जापानी गवर्नरों से संवाद
- पीएम मोदी ने 16 जापानी प्रांतों के गवर्नरों से मुलाकात की।
- उन्होंने कहा कि राज्य-प्रांत सहयोग भारत-जापान संबंधों की एक मज़बूत कड़ी बन सकता है।
व्यापारिक जगत को संबोधन
- एक बिज़नेस फ़ोरम में मोदी ने जापानी उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए कहा:
“भारत जापानी व्यवसाय के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ का प्रवेश द्वार है। आप ‘मेक इन इंडिया, मेक फ़ॉर द वर्ल्ड’ का हिस्सा बनें।”
🚩 आगे का सफर: SCO शिखर सम्मेलन
जापान यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी सीधे तिआनजिन, चीन रवाना होंगे, जहाँ वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।